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Premchand Jeevan Drashti Aur Samvedna

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2021
978-81-949159-0-4

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कृष्ण कुमार सिंह 1960 ई– में बिहार के बाँका जिले के नरसंडी नामक गाँव में जन्म । भागलपुर विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम–ए– करने के बाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एम.फिल. और पी.एच.डी. । लगभग 15 वर्षों तक टाउन पी–जी– कॉलेज, बलिया (उत्तर प्रदेश) के हिन्दी विभाग में कार्यरत रहने के बाद 2010 ई– से महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, (महाराष्ट्र) में प्रोफेसर । साहित्य के समाजशास्त्रीय अध्ययन में गहरी रुचि । पत्र–पत्रिकाओं में आलोचनात्मक लेख और समीक्षाएँ प्रकाशित । ‘सन्त साहित्य के विकास में वर्ण, जाति और वर्ग की भूमिका’ तथा ‘म/यकालीन कृषक और कबीर’ महत्त्वपूर्ण आलोचनात्मक कृतियाँ हैं । सम्पादित पुस्तकों में ‘हिन्दी के नामवर’ एक चर्चित कृति है ।

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