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Raja Bhoj Ka Talab
मानवीय संबंधों व मानवीय मूल्यों के क्षरण की चिंता हरजेन्द्र चैधरी की कथा–प्रस्तावना का बीज–तत्त्व है, जिसे उनकी हर कहानी साझा करती है । ढीली पड़ती सामाजिकता, कमज़ोर होते जा रहे मानवीय संबंध, प्रेम पर भौतिकता व कॅरियरवाद का बढ़ता दबाव–वर्चस्व, बहुविध परिवर्तनों के बीच उलट–पुलट होती हमारी प्राथमिकताएं आदि ऐसे विषय हैं जो इन कहानियों को निरंतर पठनीय और विचारोत्तेजक बनाते हैं । भूमंडलीकरण के इस दौर में वस्तुएं व्यक्तियों पर हावी हो रही हैं । आज मनुष्य के सम्मान, महत्त्व और उसकी पहचान का आधार उसके गुण नहीं, बल्कि उसकी भौतिक उपलब्धियां हैं । दृष्टिहीन सफ़लताओं ने सार्थक जीवन जीने के आदर्श को लगभग पूरी तरह विस्थापित कर दिया है । सूचना–तकनीक ने संप्रेषण को त्वरित रूप दिया है, पर वह हमारी भावात्मकता और स्मृति को निरंतर क्षीण करती जा रही है । नैसर्गिक स्मृति–तंत्र को हमने मोबाइल और कंप्यूटर के हवाले कर दिया है । सोशल मीडिया के प्रभाव से विचारात्मकता आज चलताऊ टिप्पणियों में सिमटती जा रही है । सुविधाओं और आरामपरस्ती की अभूतपूर्व वृद्धि के इस दौर में अनेक आवश्यक मानवीय क्षमताएं घट रही हैं । सोशल मीडिया ने शब्दों के अर्थ और उनकी विश्वसनीयता को पूरी तरह संदेहास्पद बना डाला है । इससे यथार्थ बहुत गंदला और जटिल हो गया है, उसकी तहों में बहुत इज़ाफ़ा हुआ है । किसी भी घटना या प्रक्रिया की सच्चाई तक पहुंचना बहुत कठिन हो गया है । हरजेन्द्र चैधरी की कहानियां आज के इस जटिल और गंदलाए हुए अनेक–तही यथार्थ को निथारने और सच्चाई तक पहुंचने का सार्थक उपक्रम हैं ।
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