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Sir Arthur Ignatius Conan Doyle: Chuni Hui Kahaniya
“सुनो, महान क्रांति के समय (जिसका इतिहास विद्वान लॉर्ड क्लैरेंडोन ने लिखा है, की ओर मैं तुम्हारा विशेष ध्यान दिलाना चाहूँगा) बास्करविल की जमींदारी ह्यूगो के पास थी और यह कोई सुनी बात नहीं कि वह एक अति जंगली, पापी और नाख़्ाुदा आदमी था । वह इतना अत्याचारी था कि पश्चिम में उसका नाम बुराई में लिया जाने लगा । ह्यूगो को बास्करविल जमींदारी के निकट एक भूस्वामी की पुत्री से पे्रम हो गया, किन्तु जवान कुमारी, जिसकी अच्छी प्रतिष्ठा थी, सदैव उससे, बचने का प्रयास करती थी, क्योंकि वह उससे भयभीत थी । ह्यूगो ने अपने पाँच–छह बदमाश साथियों के साथ उसकी भूमि पर धावा बोल दिया और कुमारी को उठा ले गया । वह अच्छी तरह जानता था कि लड़की का पिता और भाई घर पर नहीं थे । वे उसे बास्करविल हॉल ले आये । उन्होंने कुमारी को ऊपर के एक कक्ष में पहुँचा दिया । ह्यूगो और उसके साथी, जैसा कि रात को परम्परा थी, पीने बैठ गये । लड़की नीचे से आती हुड़दंग, गानों और भयानक बातों को सुन रही थी । भय के कारण वह, दक्षिणी दीवार पर फैली लता की सहायता से नीचे उतरी और घर की दिशा में मैदान में बढ़ गयी । हॉल और उसके पिता के फार्म के मध्य नौ मील की दूरी थी । ---इसी पुस्तक से
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