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Abhi Main Jinda Hun... Gauraiya (Black & White)

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2021
978-93-92380-13-6

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बिहार, भोजपुर के आरा में जन्म, मूलनिवासी–भागलपुर । पत्रकारिता में डिप्लोमा व स्नातकोत्तर । 2007 से गौरैया संरक्षण में सक्रिय । बिहार सरकार के पर्यवरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा गौरैया संरक्षण के लिए सम्मानित । वर्ष 2016, 2018 और 2019 में गौरैया फोटोग्राफी हेतु पुरस्कृत । वर्षों से चिड़ियों की फोटोग्राफी । खास कर गौरैया की फोटोग्राफी करना । पत्रकारिता–शुरूआत वर्ष 1987 में भागलपुर शहर से । राष्ट्रीय व स्थानीय पत्र–पत्रिकाओं में विविध विषयों पर ढेरों आलेख, रिर्पाेट–समाचार, फीचर आदि प्रकाशित । आकाशवाणी से वार्ता प्रसारित और रेडियो नाटकों में भागीदारी, साथ ही नुक्कड़ नाट्य आंदोलन के शुरूआती दौर से ही जुड़ाव एवं सक्रिय भूमिका । विभिन्न पत्र–पत्रिकाओं एवं वेब पत्रों के लिए लेखन जारी, खासकर मीडिया, वंचित वर्ग,सामाजिक सरोकर और पर्यावरण के मुद्दे को लेकर । वर्ष 2002 से अक्टूबर 2014 तक इलेक्ट्रानिक मीडिया–आकाशवाणी के समाचार प्रभाग और वर्ष दिसंबर 2014 से 2017 तक दूरदर्शन के समाचार सेवा प्रभाग से जुड़ कर राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, विकासात्मक और जनहित से जुड़ी खबरों को जनता के बीच पहुँचाने की कोशिश । अब तक दस पुस्तकें प्रकाशित । 1– तालों में ताले अलीगढ़ के ताले, 2– नागालैंड के रंग बिरंगे उत्सव, 3– पूरब का स्वीट्जरलैंड नागालैंड, 4– 1857 % जनक्रांति के बिहारी नायक, 5– बिहार की पत्रकारिता तब और अब, 6– आकाशवाणी समाचार की दुनिया, 7– रेडियो पत्रकारिता 8– मीडिया में दलित ढूंढते रह जाओगे 9– मीडिया % महिला, जाति और जुगाड़ 10– मीडिया में दलित । बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् द्वारा ‘नवोदित साहित्य सम्मान’, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अलावे विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा कई सम्मानों से सम्मानित । सम्प्रति % वर्ष 1993 से भारतीय सूचना सेवा में । फिलहाल, प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,पटना में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत । सम्पर्क : संजय कुमार, 303, दिगम्बर प्लेस, लोहियानगर, कंकडबाग, पटना–800020, बिहार । मो : 09934293148, 7004298794 ई–मेल : sanju3feb@gmail.com मोहक अदा ‘मेरी मनमोहक अदा, मेरी चहकती सदा । मैं भी रहूँ तुम भी रहो, बाकी नसीब में जिसके जो हो बदा ।’ हम और तुम– जोड़े में ‘सुख–दु:ख हो दिन–रात हो सच्चे साथी का साथ हो, बनती बिगड़ती बात हो, पर हाथो में तेरा हाथ हो’ प्यार करते हुये ‘संगीत बिना भी गीत है मुझमें संगत बिना भी नृत्य है मुझमें जीवन का हर क्षण है मुझमें हर क्षण का जीवन है मुझमें’ घोसला में माँ के साथ बच्चा “माँ के संग, प्यार के संग जीवन के संग, दुनिया के संग”

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