• New product

Drashyantar : Naatak, Kala, Cinema

(0.00) 0 Review(s) 
2017
978-93-87187-10-8

Select Book Type

Earn 6 reward points on purchase of this book.
In stock

'दृश्यान्तर' नाटक, कला और सिनेमा के ज्वलंत प्रश्नों, समस्याओं तथा विचारणीय मुद्दों पर बहस करती पुस्तक है । प्रसिद्ध आलोचक डॉ- ज्योतिष जोशी ने इस पुस्तक में जहाँ साहित्य से नाटक का सम्बन्ध, हिन्दी रंगमंच की समकालीन चुनौतियाँ, पणिक्कर का रंग वैशिष्ट्य जैसे आलेखों के माध्यम से हिन्दी रंगकर्म को समकालीन आवश्यकताओं के तहत देखने की चेष्टा की है, वहीं मनोहर सिंह और ब-व- कारंत जैसे मूर्धन्य रंगकर्मियों के अवदान के बहाने समकालीन रंगमंच के प्रश्नों पर विचार किया है । इसी तरह आलोचक ने दृश्यकला में सम्प्रेषण के संकटों को समझते हुए कला में बाजारवादी खतरों से सावधान किया है । आलोचक ने पर्याप्त बल देकर कहा है कि पारंपरिक कलाओं के संरक्षण और उनका आज की दृश्यकला में उपयोग किये बिना उसे जनधर्मी नहीं बनाया जा सकता ।

You might also like

Reviews

No Reviews found.