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Gata Jaye Banjara

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2020
978-93-89191-43-1

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रमांकात श्रीवास्तव को हिन्दी के महत्वपूर्ण कथाकार के रूप में हम जानते रहे हैं । उन्हें पढ़ना एक सुलझे हुए आदमी के आस–पास की घटनाओं, स्थितियों, और व्यक्तियों को समझना है । एक पाठक और संपादक के रुप में उनकी कहानियां और संस्मरण मुझे हमेशा आकृष्ट करते रहे हैं । उनके पास अनुभवों का विराट संसार है । लेखन के अलावा एक संस्क‘ति कर्मी के रुप में उनका जुड़ाव अनेक क्षेत्र के लोगों से है जहाँ मित्रों का बड़ा दायरा है । संगीत और कलाओं का सौन्दर्य बोध उनकी रचनाओं विखरा हुआ हैं । उनके परिचय क्षेत्र में यदि विभिन्न विधाओं से जुड़े कलाकर हैं तो उनमें सरकस में काम करने वाले लोग भी हैं । प्रगतिशील–जनवादी मूल्य उनकी कहानियों की तरह ही उनके संस्मरणों को आलोकित करते हैं । पारिवारिक जीवन और यायावरी को चित्रित करते समय वे मूल्य उनकी चेतना में निरंतर उपस्थित रहते हैं । उनके विषय में डॉ– विश्वनाथ त्रिपाठी के शब्दों को मैं रेखांकित करता हूंµरमाकांत श्रीवास्तव का जीवन पर्यवेक्षण स्पृहणीय है । उन्हें जीवन आचरण के सौन्दर्य की गहरी पहचान है । पचास वर्षों से वे लिख रहे हैं और आज भी उनके पास शानदार रचनाएं हैं । गहरी संवेदना के साथ सहज व्यंग्य विनोद से युक्त उनकी भाषा पाठक को तीव्रता से अपनी ओर खींचती है । उन्हें नव वर्ष की शुभकानाएं देते हुए मैं यह विश्वास करता हूं कि शीघ्र ही उनकी महत्वपूर्ण कहानियां और रोचक संस्मरण हमें पढ़ने मिलेंगे ।

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